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Shri Ram Chalisa

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Shri Ram Chalisa: एक आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआ

श्री राम चालीसा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण भक्ति ग्रंथ है, जिसकी रचना संत तुलसीदास ने की थी। यह चालीसा भगवान श्री राम की स्तुति से भरी है और उनकी महिमा का वर्णन करती है। यह राम भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण साधना है, जो उन्हें जीवन में शांति, समृद्धि और आंतरिक संतुलन की ओर ले जाती है।

Shri Ram Chalisa का महत्व

श्री राम चालीसा का नियमित पाठ करने से जीवन में आशीर्वाद की वर्षा होती है। इससे व्यक्ति को मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति मिलती है। धार्मिक दृष्टिकोण से, राम चालीसा का पाठ करने से भक्तों को भगवान श्री राम का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनका जीवन धर्म, कर्म और सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ता है।

श्री राम चालीसा का अर्थ

श्री राम चालीसा में 40 दोहे हैं, जो भगवान राम के विभिन्न रूपों और उनकी महानता का वर्णन करते हैं। प्रत्येक दोहे में भगवान राम की अच्छाई, उनकी बहादुरी, शरणागतों के प्रति उनके प्रेम और न्याय के प्रति उनके प्रेम की प्रशंसा की गई है।

श्री राम चालीसा का पाठ कैसे करें

राम चालीसा का पाठ किसी भी शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है, खासकर मंगलवार और शनिवार को इसका विशेष महत्व है। राम चालीसा का पाठ किसी एकांत स्थान पर ध्यानपूर्वक और पूरी श्रद्धा के साथ करें। साथ ही भगवान श्री राम को ध्यान में रखते हुए उनकी भक्ति में लीन रहें। इससे न केवल मानसिक शांति मिलती है बल्कि जीवन सफल और समृद्ध भी होता है।


राम चालीसा दोहा

लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।

कारुण्यरूपं करुणाकरंतं श्रीरामचंद्रं शरणं प्रपद्ये ॥

राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥

राम चालीसा चौपाई

श्री रघुबीर भक्त हितकारी, सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥

निशि दिन ध्यान धरै जो कोई, ता सम भक्त और नहीं होई॥

ध्यान धरें शिवजी मन मांही, ब्रह्मा, इन्द्र पार नहीं पाहीं॥

दूत तुम्हार वीर हनुमाना, जासु प्रभाव तिहुं पुर जाना॥

जय, जय, जय रघुनाथ कृपाला, सदा करो संतन प्रतिपाला॥

तुव भुजदण्ड प्रचण्ड कृपाला, रावण मारि सुरन प्रतिपाला॥

तुम अनाथ के नाथ गोसाईं, दीनन के हो सदा सहाई॥

ब्रह्मादिक तव पार न पावैं, सदा ईश तुम्हरो यश गावैं॥

चारिउ भेद भरत हैं साखी, तुम भक्तन की लज्जा राखी॥

गुण गावत शारद मन माहीं, सुरपति ताको पार न पाहिं॥

नाम तुम्हार लेत जो कोई, ता सम धन्य और नहीं होई॥

राम नाम है अपरम्पारा, चारिहु वेदन जाहि पुकारा॥

गणपति नाम तुम्हारो लीन्हो, तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हो॥

शेष रटत नित नाम तुम्हारा, महि को भार शीश पर धारा॥

फूल समान रहत सो भारा, पावत कोऊ न तुम्हरो पारा॥

भरत नाम तुम्हरो उर धारो, तासों कबहूं न रण में हारो॥

नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा, सुमिरत होत शत्रु कर नाशा॥

लखन तुम्हारे आज्ञाकारी, सदा करत सन्तन रखवारी॥

ताते रण जीते नहिं कोई, युद्ध जुरे यमहूं किन होई॥

महालक्ष्मी धर अवतारा, सब विधि करत पाप को छारा॥

सीता राम पुनीता गायो, भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो॥

घट सों प्रकट भई सो आई, जाको देखत चन्द्र लजाई॥

जो तुम्हरे नित पांव पलोटत, नवो निद्धि चरणन में लोटत॥

सिद्धि अठारह मंगलकारी, सो तुम पर जावै बलिहारी॥

औरहु जो अनेक प्रभुताई, सो सीतापति तुमहिं बनाई॥

इच्छा ते कोटिन संसारा, रचत न लागत पल की बारा॥

जो तुम्हरे चरणन चित लावै, ताकी मुक्ति अवसि हो जावै॥

सुनहु राम तुम तात हमारे, तुमहिं भरत कुल पूज्य प्रचारे॥

तुमहिं देव कुल देव हमारे, तुम गुरु देव प्राण के प्यारे॥

जो कुछ हो सो तुमहिं राजा, जय जय जय प्रभु राखो लाजा॥

राम आत्मा पोषण हारे, जय जय जय दशरथ के प्यारे॥

जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरुपा, नर्गुण ब्रहृ अखण्ड अनूपा॥

सत्य सत्य जय सत्यव्रत स्वामी, सत्य सनातन अन्तर्यामी॥

सत्य भजन तुम्हरो जो गावै, सो निश्चय चारों फल पावै॥

सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं, तुमने भक्तिहिं सब सिधि दीन्हीं॥

ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरुपा, नमो नमो जय जगपति भूपा॥

धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा, नाम तुम्हार हरत संतापा॥

सत्य शुद्ध देवन मुख गाया, बजी दुन्दुभी शंख बजाया॥

सत्य सत्य तुम सत्य सनातन, तुम ही हो हमरे तन-मन धन॥

याको पाठ करे जो कोई, ज्ञान प्रकट ताके उर होई॥

आवागमन मिटै तिहि केरा, सत्य वचन माने शिव मेरा॥

और आस मन में जो होई, मनवांछित फल पावे सोई॥

तीनहुं काल ध्यान जो ल्यावै।, तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै॥

साग पत्र सो भोग लगावै, सो नर सकल सिद्धता पावै॥

अन्त समय रघुबर पुर जाई, जहां जन्म हरि भक्त कहाई॥

श्री हरिदास कहै अरु गावै, सो बैकुण्ठ धाम को पावै॥

राम चालीसा दोहा

सात दिवस जो नेम कर, पाठ करे चित लाय।

हरिदास हरि कृपा से, अवसि भक्ति को पाय॥

राम चालीसा जो पढ़े, राम चरण चित लाय।

जो इच्छा मन में करै, सकल सिद्ध हो जाय॥


श्री राम चालीसा का इतिहास

श्री राम चालीसा के रचयिता महान कवि तुलसीदास जी हैं, जिन्होंने इसे संस्कृत में रचा और इसे “रामचरितमानस” में शामिल किया। यह चालीसा 40 छंदों में बंधी है, जिसमें श्री राम के जीवन की घटनाओं का उल्लेख है। तुलसीदास जी ने इसे भक्तों के लिए सरल भाषा में लिखा, ताकि हर कोई इसे पढ़कर भगवान श्री राम का आशीर्वाद प्राप्त कर सके।

श्री राम चालीसा का पाठ क्यों करें?

  • मन की शांति: श्री राम चालीसा का नियमित पाठ करने से मन को शांति मिलती है। यह मानसिक तनाव को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।
  • धन और समृद्धि: ऐसा कहा जाता है कि श्री राम चालीसा का पाठ करने से जीवन में धन और समृद्धि आती है।
  • रोगों का नाश: यह चालीसा रोगों को नष्ट करने और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: यह भक्ति गीत आध्यात्मिक उन्नति और भगवान श्री राम के करीब जाने का मार्ग प्रशस्त करता है।

श्री राम चालीसा का उच्चारण विधि

श्री राम चालीसा का सही तरीके से उच्चारण करना भी बहुत जरूरी है। इसका पाठ करते समय एकाग्रता और लगन के साथ भगवान श्री राम का ध्यान करना चाहिए। भक्ति भाव से इसका पाठ करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

श्री राम चालीसा के 40 श्लोक (श्री राम चालीसा का पूर्ण पाठ)

श्लोक नंबरश्लोक
1जय राम, जय राम, श्री राम जय राम
2गुण गावा राम, शरण आए राम
3तुम्हारी भक्ति को करने वाला महान है
4अयोध्या में राम का राज है
5श्री राम के चरणों में सुख है

(नोट: यहां पूरी चौपाई विस्तार से देना कठिन है, लेकिन इसे रामचरितमानस से पूर्ण रूप में लिया जा सकता है।)

श्री राम चालीसा से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

विषयविवरण
रचनाकारसंत तुलसीदास
कुल शेर40
प्रमुख लाभशांति, समृद्धि, संकट से मुक्ति
प्रमुख दिनमंगलवार, शनिवार
सबसे अच्छा समयसुबह और शाम
विशेष लाभशत्रु पर विजय, मानसिक शांति

FAQ (Frequently Asked Questions)

1. श्री राम चालीसा का क्या महत्व है?

श्री राम चालीसा भगवान श्री राम की महिमा का वर्णन करती है और भक्तों को मानसिक शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है।

2. क्या हर दिन श्री राम चालीसा पढ़ना जरूरी है?

जी हां, अगर आप हर रोज श्री राम चालीसा का पाठ करते हैं तो यह आपके जीवन में शांति और समृद्धि ला सकता है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से मानसिक शक्ति बढ़ती है।

3. श्री राम चालीसा को कब पढ़ना चाहिए?

श्री राम चालीसा का पाठ सुबह या शाम को करने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसे किसी भी समय पढ़ा जा सकता है जब भक्त अपने मन को शांत करना चाहे।

4. क्या श्री राम चालीसा का पाठ 40 दिन तक करना चाहिए?

यह एक अच्छी आदत है। 40 दिनों तक राम चालीसा का नियमित पाठ करने से मनोबल और आंतरिक शक्ति बढ़ती है।

5. क्या इसका पाठ करने से धन की प्राप्ति होती है?

जी हां, श्री राम चालीसा का पाठ करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन में आर्थिक समृद्धि आती है।

निष्कर्ष

Shri Ram Chalisa
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श्री राम चालीसा एक आध्यात्मिक और भक्ति पाठ है, जिसका पाठ करने से जीवन के हर पहलू में सुधार आ सकता है। इसका नियमित पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और भगवान श्री राम का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अगर आप भी अपने जीवन में शांति और समृद्धि लाना चाहते हैं तो श्री राम चालीसा का पाठ करना एक बेहतरीन उपाय है।

This article is also read: Shri Ram Naam Chalisa

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